Har Hajat Aur Mushkilat Ka Hal In Hindi ,” यह इस्म मुश्किल कुशाई के लिए बहुत मोअस्सिर है , लिहाज़ा जो शख्स ( “या लतीफु” ) इस इस्म को रोज़ाना 129 बार का मामूल बना ले तो इंशाल्लाह इसका हर जायज काम ( “या लतीफु” ) की बरकत से हो जायेगा और अगर हर नमाज़ के बाद इसे 129 बार पढ़ा जाये तो इसके असरात और तेज़ हो जायेंगे इंशाअल्लाह दिन
Read more